जितनी दफा देखता हुँ तुझे October 09, 2018 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps एक लम्हा ठहर सा गयाहै धड़कन के साथ।नज़र से उतर नही रहा हैचेहरा तेरा।इश्क़ में डूबे दोस्तो कामज़ाक बनाया करते थे कभी,इश्क़ से दूर दूर तक नाता नहीं मेरा। Comments
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