जितनी दफा देखता हुँ तुझे

एक लम्हा ठहर सा गया
है धड़कन के साथ।

नज़र से उतर नही रहा है
चेहरा तेरा।

इश्क़ में डूबे दोस्तो का
मज़ाक बनाया करते थे कभी,

इश्क़ से दूर दूर तक 
नाता नहीं मेरा।


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