कुछ देर और रुक जाते September 12, 2018 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps जल्दी परीथी क्यू ना जाने,मुझे जाने की।जूता पेहेन रहे थे,और वो मुझे देख रहे थे।घड़ी छूट गई,बिस्तर पे ही।वो देखने मे मगन थी,और ना जाने क्या सोच रही थी।एक अधूरी कहानी है ये,पर दिल को सुहानी है ये। Comments
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