किसी किसी को दूध पीना पसंद नहीं होता है। ऐसे में पोषक तत्वों की जैसे कैल्शियम , प्रोटीन आदि
की कमी हो सकती है। दही खाने से ये सभी तत्व आसानी से मिल जाते है और Dahi हजम भी आसानी से हो जाता है।
दही दिल के लिए अच्छा होता है कोलेस्ट्रॉल को कम करता है , ब्लड प्रेशरके लिए तथा गुर्दों के लिए लाभदायक होता है।
त्वचा पर सन टैनिंग हो जाती है यानि धूप से झुलस जाती है। इस झुलसी हुई त्वचा के लिए Dahi जैसा असर किसी चीज से नहीं होता।
नियमित कुछ दिन खट्टे Dahi की मालिश से सन टैनिंग ठीक हो जाती है।
Dahi या छाछ के नियमित उपयोग करने से नींद नहीं आने की समस्या ठीक होती है।
दही में बेसन मिलाकर इसे उबटन की तरह लगाकर नहाने से पसीने की बदबू से मुक्ति मिलती है और एक अलग ताजगी का अहसास
होता है।
दही कब नहीं खानी चाहिए – Dahi Kab nahi khaye
- बासी या खट्टा Dahi नहीं खाना चाहिए।
- रात के समय Dahi या छाछ नहीं लेने चाहिए।
- मांसाहार के साथ Dahi नहीं खाना चाहिए।
- कब्ज हो तो Dahi के स्थान पर छाछ का प्रयोग करना चाहिए।
- सर्दी , जुकाम ,खांसी , कफ हो तो Dahi ना खाये।
- दमा या साँस की समस्या हो तो Dahi सावधानी पूर्वक खाये।
- त्वचा रोग की स्थिति में Dahi डॉक्टर से पूछ कर ही उपयोग में लें।
- शरीर में कही भी सूजन हो तो Dahi ना खाये वर्ना सूजन बढ़ सकती है।
- दहि को गरम करके नहीं खाना चाहिए।
- बसंत ऋतू में दहि का सेवन नहीं करना चाहिए।
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